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आकर्षक बनेगा सवारी का पूजन स्थल:महाकाल द्वार की अलग तरह की डिजाइन…रोड अगर 20 से 24 मीटर हुआ तो बगैर डिजाइन बदले चौड़ा कर पाएंगे द्वार
महाकाल सवारी मार्ग को धार्मिक महत्व पर अलग तरीके से बनाने को लेकर काम शुरू हो गया है। वहीं अब सवारी मार्ग में दो द्वार भी बनने वाले हैं। एक महाकाल द्वार और दूसरा सवारी द्वार। दोनों की डिजाइन फाइनल हो चुकी है। महाकाल द्वार की खासियत है कि इसे ऐसे डिजाइन किया है ताकि रोड को चौड़ा भी करना पड़े तो द्वार के आकर्षण से छेड़छाड़ नहीं होगी।
महाकाल चौराहे पर ही महाकाल द्वार बनेगा। अभी मार्ग का चौड़ीकरण होना है। मास्टर प्लान में यह रोड 24 मीटर आ रहा है। जबकि पहले इसे 20 मीटर चौड़ा किया जाना था, जिसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। कुछ व्यापारी कोर्ट से स्टे भी ले आए थे। ऐसे में काम में देरी ना हो, इसलिए महाकाल द्वार की डिजाइन तैयार कर ली है।
इसे ऐसे डिजाइन किया गया है कि अगर रोड 20 से 24 मीटर भी हो जाएगा तो द्वार को बगैर हटाए, बढ़ाया जा सकता है। पत्थर से बनने वाले द्वार के चार पिलर होंगे और चारों पिलर पर भगवान की अलग-अलग आकृतियां होगी। वहीं द्वार के ऊपरी हिस्से के दोनों और शेष नाग की आकृतियां होगी। द्वार से ही शिखर दर्शन हो सके। इस हिसाब से इसकी हाइट तय की जाएगी।
जानें सवारी मार्ग के बारे में
सवारी मार्ग 4 तो शाही सवारी मार्ग करीब 7 किलोमीटर का है। इस मार्ग को आकर्षक और सवारी के अनुरूप बनाने के लिए भगवान शिव के शृंगार से सजाया जाएगा। जैसे सवारी मार्ग को त्रिशुल, डमरू, नंदी, स्वास्तिक की आकृतियां से सजाया जाएगा। वहीं सवारी मार्ग में आने वाले चौराहों का सौंदर्यीकरण होगा। अभी बैरिकेड होने से बाबा के दर्शन होने में दिक्कत होती है। इसलिए रोड को ऐसा डिजाइन किया जाएगा ताकि सवारी में व्यवधान भी ना आए और भक्तों को बाबा के दर्शन भी आसानी से हो सके।
रामघाट पर बनेगा सवारी द्वार और पूजन स्थल का सौंदर्यीकरण होगा
महाकाल चौराहे पर महाकाल द्वार बनाया जा रहा है। वहीं रामघाट पर जाने वाले रास्ते पर सवारी द्वार बनाया जाएगा। इस द्वार की खासियत यह रहेगी कि सभी सवारी में जितने भी बाबा के स्वरूप निकलते हैं। उनकी भी छवि इस द्वार पर बनाई जाएगी। जैसे, चंद्रमोलेश्वर, मनमहेश, उमा महेश, शिव तांडव और घटाटौप, होल्कर व अन्य। इसके साथ ही शिप्रा किनारे बाबा का पूजन किया जाता है। उसका भी सौंदर्यीकरण होगा ताकि जो भी श्रद्धालु यहां आए तो उन्हें पता रहे कि यहां सवारी का पूजन किया जाता है। अभी फूलों पर सवारी को रख पूजन किया जाता है।
द्वार की डिजाइन फाइनल हो गई है
महाकाल द्वार और सवारी द्वार की डिजाइन फाइनल हो गई है। सवारी मार्ग को आकर्षक बनाने पर काम किया जा रहा है। सबसे पहले दोनों द्वार बनाए जाएंगे। फिर पूरे सवारी मार्ग पर भगवान शिव के डमरू, त्रिशुल आदि से सजाया जाएगा। जिससे भक्त यहां अपने आपको बाबा के करीब महसूस करें।
मुकेश टटवाल, महापौर, नगर निगम